मिथिलोत्सव यानि मिथला का उत्सव जो दिनांक 20.12.2011 को संध्या मे एक सुन्दर मिथिला नाट्य प्रस्तुत किया गया जिसका मंचन श्री राम सेंटर, मंडी हाउस के सभागार में किया गया.
हम सब प्रकश झा जी और उनके पूरी टीम मैलोरंग को बधाई देते है की उन्होंने अपने सदप्रयासों से मिलों दूर हमें अपने मिथलांचल की मिट्टी की खुशबू की याद दिलाई। इसके लिए उन्हें कोटि- कोटि प्रणाम करते है.
बहुत सारे लोग आये थे जिसमे बाबा-मईया, चाचा-चाची, भैया-भाभी , दीदी-जीजू और भाई-बहन सब के सब पहुंचे थे लेकिन इन सब के बीच खास कर हम उन बच्चों से ज्यादा प्रभावित हुए जो अपनी संस्कृति को देखने और समझने के लिए बड़े ही उत्सुक दिखे,इतनी ठंठ मे बड़ी संख्या मे वे सब अपने घरों से बाहर निकलकर आये और अपनी संस्कृति को नजदीक से देखा।
शुरुआत मे जिस तरीके से नृत्य (नेहा वर्मा ) जी के द्वारा प्रस्तुत किया गया उसे देख कर हम भाव-विभोर हो गए और उनके इस नृत्य के लिए हम उनका आभार व्यक्त करते है.
दरसल, ललका पाग एक ऐसी कहानी है जो हमारे बीच हमारे घर , गाँव-देहात में हमारे यहाँ के स्त्री की व्यथा और उसके समर्पण पर आधारित है जिसे बहुत ही सुंदर तरीके से श्री राजकमल चौधरी जी के लेखन और प्रकाश झा जी के निर्देशन आ सब कलाकार के उपस्थिति में बहुत ही शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया जिनके लिए हम उन्हें तहे दिल से बधाई देते है.
खाश कर तीरू (ज्योति ) जो “ललका पाग ” नाटक में एक महत्वपूर्ण किरदार को जिस तरीके बखूबी निभाया। एक पल ऐसा लगा की हम उसी पृष्ठभूमि में पहुंच गए। उनके इस किरदार (भूमिका) से सारा सभागार करतल ध्वनि (ताली) से गूंज उठा और वातावरण मंत्र-मुग्ध हो गया और उपस्थिति जनसमुदाय ने करतल ध्वनि से लगातार उनका उत्साहवर्द्धन किया.
इस में सबसे ऐतिहासिक पल रहा अंशुमाला झा की वापसी, वो एक गंभीर बीमारी से ग्रस्त थीं जिससे उबर कर उन्होंने इस मंच पर वापसी की, जैसे ही अंशुमाला झा मंच पर आईं पूरा सभागार करतल ध्वनि से गूंज उठा. ये संयोग कहें या अंशुमाला जी की इच्छा पर इस गायिका की वापसी इसी मंच पर हुआ जिस कारण वो भी गौरवान्वित महसूस कर रही थीं. हम उनके अच्छे स्वास्थ और लम्बी उम्र के लिए भगवान से प्राथना करते हैं और चाहते हैं कि वो यूं ही हमारे बीच आ के लाखों अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करती रहें और हमें अपनी सुन्द आवाज से मंत्रमुग्ध करती रहें.
पूरे मिथिलोत्सव में लोगों ने भरपूर आनंद उठाया और पूरा सभागार बार- बार करतल ध्वनि (ताली) से गूंजता रहा. ललका पाग नाटक और क्लास्सिकल डांस को देख कर बड़ा ही आनंद का अनुभव हुआ। कार्यक्रम प्रस्तोताओं की तरफ से हमें विश्वास भी दिलाया गया की इस तरह के कार्यकर्म और प्रस्तुत किये जायेंगे जिसका हम सब को उत्सुकता से इंतजार रहेगा.
मेलोरंग मे सम्मान सभा का भी आयोजन किया गया था और 3 सम्मान दिया गया, जो दिए गए वो इस प्रकार से है
1) ज्योतिरीश्वर सम्मान – 2011
2) रंगकर्मी श्रीकांत मंडल सम्मान –2011
3) रंगकर्मी प्रमिला झा सम्मान –2011
सम्मान लेने वाले रंगकर्मियों के नाम इस प्रकार है:-
A) रंगकर्मी दयानाथ झा
B) रंगकर्मी मुकेश झा
C) रंगकर्मी सुधा झा
इस सम्मान को पाकर सभी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। सभी ने मैलोरंग की पूरी टीम और जूरी को धन्यवाद दिया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए अपनी शुभकामना दी.
अंत मे प्रकाश भाईजी से एक शिकायत भी है कि जिस सुन्दर तरीके से मिथिलोत्सव शुरू हुआ उसी के विपरीत हो के संपन्न हुआ. उसमें एक कमी मैथिली विभूति- विद्यापति जी की रचना को बड़े बेसुरे ढंग से गाया गया ये देख-सुन कर बड़ा ही दु:खद अनुभव हुआ। उनका साथ देने के लिए कल्पना मिश्रा भी थीं उन्होंने भी बड़ी ही बेसुरी आवाज में गाया जिससे बहुत सारे लोग नाराज होकर सभागार छोड़ कर चले गए.
प्रकाश भाईजी से हमारा अनुरोध है कि आगे से जब भी इस तरह का आयोजन करें तो इन छोटी- छोटी बातों का ध्यान रखेंगे जिस से पब्लिक कार्यक्रम बीच में छोड़ कर चले न जाए. बाकी “ललका पाग” मिथिला नाटक का सब ने भरपूर आनंद उठाया और मिथिला नाटक की और प्रस्तुति के लिए उन्हें शुभकामना भी दी
जय मिथिला जय बिहार जय
भारत (अरबिंद झा)
13 comments:
wah wah...behtarin rhl review...
natak...anshu,neha aa maithili k te...jatek prsansha kel jai o kum hoyat....muda banki sb artist starhin...
ekdam thik kahaliye haan bhai
Maithili Natak, Aa Tahu Men Lalka pag Swatah Jeevant.
बढिया काज करलों अरविंद भाई, दिल्ली से बाहर क लोक सबक अहां जानकारी देलिए। शुक्रिया।
bahut badhiya likhai chhi aahaan.. :)
Hyderabad me chhalaun ham, oiho tham Dec last week me Maithil Samaroh hoe chhal.. aab ta ham ekdam remote jagah me chhi.. :(
bahut badiya bhai ji
aap itna acha likhte hai yh
mujhe pata nhi tha
i like it bro
sach me vishwas nhi ho rha hai bhai ji
Dinesh bhai ji vishwash kijiye...
गोपाल भाई आप का आभार... जगह कुनो रिमोट नई होए छे बस ओकरा ठीक से संचालन करे क छे ओहो निक जगह बन जाई छे...
bahut neek likhlaun ye apne..maithili me ehan neek lekhnak lel badhaee day rahal chi..ehina likhu aar mithilak lel kaaj karu..dhanyawaad..
bahut neek..ARVIND JHA JE...
शुक्रिया अंशु माला जी...
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