नई दिल्ली आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एजेंडे को ही एक नई शक्ल दे दी। उन्होंने सरकार को नक्सली हिंसा, काला धन और राज्यों को हथियार देने तक के मुद्दों पर इस तरह घेरा कि गृह मंत्री पी चिदंबरम को उनका सिलसिलेवार जवाब देना पड़ा।
इससे यह सम्मेलन अंत में मोदी बनाम चिदंबरम हो गया। मोदी ने अपने आरोपों से सरकार को किस तरह परेशान किया इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गृह मंत्री ने उन्हें यह सलाह भी दे दी कि जो समस्या उनके राज्य में नहीं है उस पर वे न बोलें तो अच्छा है।
मोदी ने केंद्र सरकार को नक्सल समस्या पर घेरते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा है कि पिछले साल नक्सल अभियान में कम जवानों की मौत हुई जबकि आम नागरिक ज्यादा हताहत हुए। मोदी ने कहा, ‘सरकार को इस पर गर्व नहीं करना चाहिए। यह हमारी जीत नहीं है। यह नक्सलियों की विजय है।
वह पहले से ज्यादा ताकतवर तो हुए ही हैं, खुफिया सूचना जुटाने की उनकी क्षमता में भी इजाफा हुआ है। वे यह जान गए हैं कि कम हमले करके भी कैसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता है।’ मोदी ने इसके साथ ही केंद्र को जर्मनी व ऑस्ट्रिया की ओर से पंजाब, आंध्र प्रदेश, ओडीशा, जम्मू-कश्मीर और गुजरात को हथियारों की सप्लाई न किए जाने के मामले पर भी निशाने पर लिया।
मोदी ने कहा कि इन दोनों देशों ने कहा कि इन पांच राज्यों में पुलिस मानवाधिकार नियमों के खिलाफ काम करती है। इससे वे उन्हें हथियार नहीं बेचेंगे। मोदी ने कहा कि इन देशों के इस बयान के बाद इन्हें काली सूची में डालने की जगह उल्टे केंद्र सरकार ने राज्यों को सलाह दी कि वह अमेरिका, तुर्की व अन्य देशों से हथियार खरीदें।
मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने काले धन पर भी सरकार को घेरा और कहा कि सम्मेलन के एजेंडा पत्र में राज्यों से कहा गया है कि मनी-लॉड्रिंग पर सख्त कदम उठाए। लेकिन जब विदेशों-स्विस बैंक में जमा काले धन की बात की जाती है तो केंद्र सरकार कहती है कि वह टैक्स चोरी का मामला है।
मोदी ने कहा, ‘सरकार को चाहिए कि वह राज्यों को सलाह देने से पहले अपने स्तर पर उस पर अमल करें।’ नरेंद्र मोदी के इन आरोपों के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आम लोगों की मौत को लेकर संवेदना जताई थी और नक्सल समस्या से सख्ती से निपटने का आहवान भी किया था। ऐसे राज्य जहां नक्सल समस्या नहीं है, वह इसकी गंभीरता नहीं समझ सकते हैं। उन्हें चाहिए कि वह इन मामलों में अपनी सलाह ना दें।
गृह मंत्री ने कहा कि जहां तक जर्मनी-ऑस्ट्रिया से हथियारों की खरीदारी का मामला है तो अन्य देशों से खरीदारी की सलाह इसलिए दी गई थी कि राज्य उन देशों से हथियार खरीद सकें। इसकी वजह से उनकी पुलिस आधुनिकीकरण की प्रक्रिया प्रभावित न हों। चिदंबरम ने मनी-लॉड्रिंग पर कहा कि एजेंडा पेपर में ऐसा कोई बिंदु नहीं है। हालांकि चिदंबरम के ऐसा कहने के बाद एक बार फिर मोदी ने उन अध्याय के नंबर सार्वजनिक करके केंद्र सरकार को कठघरे मंे खड़ा करने का प्रयास किया जिसमें मनी-लॉड्रिंग विषय शामिल था
इससे यह सम्मेलन अंत में मोदी बनाम चिदंबरम हो गया। मोदी ने अपने आरोपों से सरकार को किस तरह परेशान किया इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गृह मंत्री ने उन्हें यह सलाह भी दे दी कि जो समस्या उनके राज्य में नहीं है उस पर वे न बोलें तो अच्छा है।
मोदी ने केंद्र सरकार को नक्सल समस्या पर घेरते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा है कि पिछले साल नक्सल अभियान में कम जवानों की मौत हुई जबकि आम नागरिक ज्यादा हताहत हुए। मोदी ने कहा, ‘सरकार को इस पर गर्व नहीं करना चाहिए। यह हमारी जीत नहीं है। यह नक्सलियों की विजय है।
वह पहले से ज्यादा ताकतवर तो हुए ही हैं, खुफिया सूचना जुटाने की उनकी क्षमता में भी इजाफा हुआ है। वे यह जान गए हैं कि कम हमले करके भी कैसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता है।’ मोदी ने इसके साथ ही केंद्र को जर्मनी व ऑस्ट्रिया की ओर से पंजाब, आंध्र प्रदेश, ओडीशा, जम्मू-कश्मीर और गुजरात को हथियारों की सप्लाई न किए जाने के मामले पर भी निशाने पर लिया।
मोदी ने कहा कि इन दोनों देशों ने कहा कि इन पांच राज्यों में पुलिस मानवाधिकार नियमों के खिलाफ काम करती है। इससे वे उन्हें हथियार नहीं बेचेंगे। मोदी ने कहा कि इन देशों के इस बयान के बाद इन्हें काली सूची में डालने की जगह उल्टे केंद्र सरकार ने राज्यों को सलाह दी कि वह अमेरिका, तुर्की व अन्य देशों से हथियार खरीदें।
मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने काले धन पर भी सरकार को घेरा और कहा कि सम्मेलन के एजेंडा पत्र में राज्यों से कहा गया है कि मनी-लॉड्रिंग पर सख्त कदम उठाए। लेकिन जब विदेशों-स्विस बैंक में जमा काले धन की बात की जाती है तो केंद्र सरकार कहती है कि वह टैक्स चोरी का मामला है।
मोदी ने कहा, ‘सरकार को चाहिए कि वह राज्यों को सलाह देने से पहले अपने स्तर पर उस पर अमल करें।’ नरेंद्र मोदी के इन आरोपों के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आम लोगों की मौत को लेकर संवेदना जताई थी और नक्सल समस्या से सख्ती से निपटने का आहवान भी किया था। ऐसे राज्य जहां नक्सल समस्या नहीं है, वह इसकी गंभीरता नहीं समझ सकते हैं। उन्हें चाहिए कि वह इन मामलों में अपनी सलाह ना दें।
गृह मंत्री ने कहा कि जहां तक जर्मनी-ऑस्ट्रिया से हथियारों की खरीदारी का मामला है तो अन्य देशों से खरीदारी की सलाह इसलिए दी गई थी कि राज्य उन देशों से हथियार खरीद सकें। इसकी वजह से उनकी पुलिस आधुनिकीकरण की प्रक्रिया प्रभावित न हों। चिदंबरम ने मनी-लॉड्रिंग पर कहा कि एजेंडा पेपर में ऐसा कोई बिंदु नहीं है। हालांकि चिदंबरम के ऐसा कहने के बाद एक बार फिर मोदी ने उन अध्याय के नंबर सार्वजनिक करके केंद्र सरकार को कठघरे मंे खड़ा करने का प्रयास किया जिसमें मनी-लॉड्रिंग विषय शामिल था