नई दिल्ली। भाजपा ने गुरुवार को कहा कि ए राजा और सुरेश कलमाड़ी को टूजी स्पेक्ट्रम तथा राष्ट्रमंडल खेल घोटालों में बली का बकरा नहीं बनाया जाए और चूंकि सभी फैसले केंद्रीय मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री ने किए हैं इसलिए संयुक्त संसदीय समिति की जाच से ही पूरी सचाई सामने आ सकती है।
पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यहा कहा कि राजा और अन्य मंत्रियों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री की अनुमति से ही निर्णय किए। इसलिए देश के सामने इस बात का खुलासा होना चाहिए कि राजा का गाडफादर कौन है और इन घोटालों में और कौन कौन शामिल है। देश की जनता को यह जानने का हक है।
जेपीसी की माग दोहराते हुए उन्होंने कहा, जब तक इससे जाच नहीं कराई जाती है पूरी सचाई सामने नहीं आएगी। गडकरी ने कहा कि जब तक सारी सच्चाई सामने नहीं आती है और अंतिम बिंदु तक की जाच नहीं कराई जाती है राजा की गिरफ्तारी महज ढकोसला होगा।
काग्रेस और संप्रग पर 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में शामिल होने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा इनके बिना इतने बड़े पैमाने पर घोटाले होना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि राजा और कलमाड़ी को बली का बकरा बना कर अन्य दोषियों की बेदाग छवि बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अपनी खाल बचाने के लिए सरकार दूसरों की बलि नहीं दे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के लिए बराबर का जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी नीति के लिए वही जवाबदेह हैं।
गडकरी ने कहा कि 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन के नीतिगत निर्णय के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि मुख्य सचिव ने मंत्रियों के समूह को लिखा था कि मूल्य प्रावधान को हटा दिए जाने से देश को नुकसान होगा। अगर प्रधानमंत्री ने उस समय इस बात को मान लिया होता, तो शायद यह हालात ही पैदा नहीं होते।
प्रधानमंत्री पर 'कुछ दबाव में काम करने' का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सिंह ने मुख्य सचिव की बात की अनदेखी की जिससे इतना बड़ा घोटाल हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि इस विभाग [दूरसंचार] को केंद्र सरकार ने एक तरह से भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस दे दिया। ऐसा लगता है सरकार ने इस विभाग को द्रमुक को आउटसोर्स कर दिया।
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