रुडॉल्फ वॉल्टर रिचर्ड हैस हिटलर के डेप्यूटी फ्यूहरर थे। जर्मन भाषा में फ्यूहरर का मतलब नेता या फिर गाइड होता है। ये लोग हिटलर की तरफ से काम करते थे। इस प्रमुख नाजी अधिकारी का जन्म 26 अप्रैल 1894 में हुआ था। सोवियत संघ से युद्ध शुरू होने से एक दिन पहले हैस ने स्कॉटलैंड के लिए उड़ान भरी थी।
कहते हैं वे ब्रिटेन से शांति समझौता करने गए थे। फिर भी उन्हें वहां गिरफ्तार कर लिया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उन्हें बर्लिन की स्पनडाउ जेल भेजा गया था। यहां 17 अगस्त 1987 के दिन उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सवाल यह उठता है कि जो आदमी शांति की बात करने गया था, उसे गिरफ्तार क्यों किया गया। इसलिए रुडॉल्फ हैस की इस यात्रा को लेकर कई थ्योरी दी जाती हैं।
ऐसा नहीं था कि वे अकेले कैद किए गए थे। और भी कई अधिकारी उस दौर में जेल भेजे गए थे, लेकिन कुछ सालों बाद समझौते या फिर मानवता के आधार पर उन्हें छोड़ दिया गया। फिर हैस को क्यों नहीं छोड़ा गया। क्या हैस पागल हो गए थे, जो वे स्कॉटलैंड पहुंच गए थे या फिर वे हिटलर के बहुत से राज छिपाकर रखने के लिए जेल में रहे?
ये खबर सुनकर सामान्य रहे हिटलर 10 मई 1941 के दिन रुडॉल्फ हैस ने ये उड़ान भरी थी। प्लेन लैंड करने के बजाय उन्होंने पैराशूट से छलांग लगाई थी। जमीन पर गिरते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उनके पैर का एक टखना टूट गया था।
उनकी गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद हिटलर बिल्कुल सामान्य बने रहे। अपने सबसे विश्वसनीय डेप्यूटी फ्यूहरर के दुश्मन की जमीन पर गिरफ्तार होने पर उन्हें जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ। जबकि हैस उनकी जानकारी के बिना शांति समझौता करने गए थे। ये भी एक अहम सवाल है। जितने साल वे जेल में रहे और जेल जाने से पहले का रिकॉर्ड देखकर नहीं लगता कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। उन्होंने भी कभी अपनी इस यात्रा के कारण को पूरी तरह जाहिर नहीं किया।
राज है गहरा
हिटलर के एक प्रमुख फ्यूहरर रुडॉल्फ हैस सोवियत संघ से युद्ध शुरू होने से एक दिन पहले उनकी जानकारी के बिना स्कॉटलैंड क्यों गए थे। उनकी यात्रा का कारण आज भी राज है
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