Thursday, December 22, 2011

मिथला का उत्सव - मिथलोत्सव 2011



मिथिलोत्सव  यानि  मिथला का उत्सव  जो  दिनांक  20.12.2011 को  संध्या  मे  एक  सुन्दर  मिथिला  नाट्य  प्रस्तुत  किया गया  जिसका  मंचन श्री  राम  सेंटरमंडी हाउस  के  सभागार  में किया  गया.

हम  सब  प्रकश झा जी  और  उनके  पूरी  टीम मैलोरंग  को बधाई  देते  है  की  उन्होंने अपने सदप्रयासों से मिलों  दूर  हमें  अपने  मिथलांचल  की मिट्टी  की खुशबू  की याद  दिलाई। इसके लिए उन्हें  कोटि- कोटि प्रणाम  करते  है.

बहुत  सारे  लोग  आये  थे  जिसमे  बाबा-मईयाचाचा-चाचीभैया-भाभी , दीदी-जीजू  और भाई-बहन  सब के  सब पहुंचे  थे लेकिन  इन  सब के बीच  खास  कर  हम  उन बच्चों से  ज्यादा प्रभावित  हुए जो अपनी संस्कृति को देखने  और समझने  के लिए बड़े  ही  उत्सुक  दिखे,इतनी  ठंठ मे बड़ी संख्या  मे वे सब अपने घरों से बाहर निकलकर आये और अपनी  संस्कृति को नजदीक से देखा।

शुरुआत मे जिस तरीके  से  नृत्य  (नेहा  वर्मा ) जी के द्वारा  प्रस्तुत किया गया उसे देख  कर हम भाव-विभोर हो गए  और उनके  इस  नृत्य  के लिए हम उनका  आभार  व्यक्त  करते है.

दरसलललका  पाग एक ऐसी  कहानी  है जो हमारे  बीच हमारे घर , गाँव-देहात  में हमारे यहाँ  के स्त्री की व्यथा  और उसके समर्पण  पर आधारित  है जिसे बहुत  ही सुंदर तरीके से श्री  राजकमल  चौधरी  जी के लेखन  और प्रकाश  झा  जी  के निर्देशन    सब कलाकार  के उपस्थिति  में बहुत ही शानदार तरीके  से प्रस्तुत किया गया जिनके लिए हम उन्हें तहे दिल से बधाई  देते है.

खाश  कर तीरू (ज्योति ) जो ललका पाग ” नाटक  में एक  महत्वपूर्ण  किरदार  को जिस तरीके बखूबी  निभाया। एक पल  ऐसा लगा  की हम उसी  पृष्ठभूमि  में पहुंच  गए। उनके इस किरदार (भूमिका) से सारा सभागार  करतल  ध्वनि (ताली) से गूंज  उठा  और वातावरण मंत्र-मुग्ध  हो गया और उपस्थिति जनसमुदाय ने करतल ध्वनि से लगातार उनका उत्साहवर्द्धन किया.


इस में सबसे  ऐतिहासिक  पल रहा अंशुमाला झा  की वापसीवो एक गंभीर  बीमारी से ग्रस्त  थीं जिससे उबर कर उन्होंने इस मंच  पर वापसी कीजैसे ही  अंशुमाला झा मंच पर  आईं  पूरा सभागार करतल  ध्वनि से गूंज उठा. ये  संयोग  कहें  या अंशुमाला जी की इच्छा  पर इस गायिका  की वापसी इसी  मंच पर हुआ जिस कारण  वो  भी गौरवान्वित महसूस  कर रही  थीं. हम उनके अच्छे स्वास्थ और  लम्बी  उम्र के लिए भगवान से प्राथना करते हैं और चाहते  हैं कि  वो यूं ही हमारे बीच आ के लाखों  अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करती रहें और हमें अपनी  सुन्द आवाज  से मंत्रमुग्ध  करती रहें.

पूरे  मिथिलोत्सव में लोगों  ने भरपूर आनंद  उठाया और पूरा  सभागार  बार- बार करतल ध्वनि (ताली) से गूंजता रहा. ललका पाग नाटक और  क्लास्सिकल डांस  को देख कर बड़ा ही आनंद का अनुभव  हुआ। कार्यक्रम प्रस्तोताओं की तरफ से हमें  विश्वास भी दिलाया  गया की इस तरह के कार्यकर्म और प्रस्तुत  किये जायेंगे  जिसका हम सब को उत्सुकता से इंतजार रहेगा.

मेलोरंग  मे सम्मान सभा  का भी आयोजन किया  गया था  और सम्मान दिया  गयाजो दिए गए वो इस प्रकार  से है 
1)      ज्योतिरीश्वर सम्मान  2011
2)      रंगकर्मी श्रीकांत मंडल सम्मान –2011
3)      रंगकर्मी प्रमिला झा सम्मान –2011
 सम्मान  लेने  वाले रंगकर्मियों  के नाम  इस प्रकार  है:-
A)     रंगकर्मी दयानाथ झा 
B)       रंगकर्मी मुकेश झा 
C)       रंगकर्मी सुधा झा 
इस सम्मान  को पाकर सभी गौरवान्वित  महसूस  कर रहे  थे। सभी ने मैलोरंग की पूरी टीम और जूरी  को धन्यवाद दिया और उन्हें आगे  बढ़ने के लिए अपनी शुभकामना दी.


अंत मे प्रकाश भाईजी  से एक शिकायत  भी है कि जिस सुन्दर तरीके से मिथिलोत्सव शुरू हुआ उसी के विपरीत हो के संपन्न  हुआ. उसमें एक कमी मैथिली विभूति-  विद्यापति जी की रचना को  बड़े बेसुरे  ढंग  से गाया गया ये देख-सुन कर बड़ा  ही दु:खद अनुभव हुआ। उनका  साथ  देने  के लिए कल्पना  मिश्रा भी  थीं  उन्होंने भी बड़ी ही बेसुरी आवाज में गाया जिससे बहुत सारे  लोग नाराज  होकर सभागार छोड़  कर चले  गए.
प्रकाश भाईजी से हमारा अनुरोध है कि आगे से जब  भी इस तरह  का आयोजन करें तो इन छोटी- छोटी बातों  का ध्यान  रखेंगे   जिस से पब्लिक  कार्यक्रम  बीच में छोड़ कर चले न जाएबाकी  “ललका  पाग” मिथिला नाटक  का  सब ने  भरपूर  आनंद  उठाया  और मिथिला नाटक की और प्रस्तुति के लिए उन्हें  शुभकामना  भी दी
जय मिथिला जय बिहार जय भारत (अरबिंद  झा)

13 comments:

rockstar jha said...

wah wah...behtarin rhl review...

rockstar jha said...

natak...anshu,neha aa maithili k te...jatek prsansha kel jai o kum hoyat....muda banki sb artist starhin...

Unknown said...

ekdam thik kahaliye haan bhai

दीनदयाल झा राघब said...

Maithili Natak, Aa Tahu Men Lalka pag Swatah Jeevant.

Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झा said...

बढिया काज करलों अरविंद भाई, दिल्ली से बाहर क लोक सबक अहां जानकारी देलिए। शुक्रिया।

Gopal said...

bahut badhiya likhai chhi aahaan.. :)
Hyderabad me chhalaun ham, oiho tham Dec last week me Maithil Samaroh hoe chhal.. aab ta ham ekdam remote jagah me chhi.. :(

DINESH TRIPATHI said...

bahut badiya bhai ji

aap itna acha likhte hai yh
mujhe pata nhi tha

i like it bro

DINESH TRIPATHI said...

sach me vishwas nhi ho rha hai bhai ji

Unknown said...

Dinesh bhai ji vishwash kijiye...

Unknown said...

गोपाल भाई आप का आभार... जगह कुनो रिमोट नई होए छे बस ओकरा ठीक से संचालन करे क छे ओहो निक जगह बन जाई छे...

anshu mala said...

bahut neek likhlaun ye apne..maithili me ehan neek lekhnak lel badhaee day rahal chi..ehina likhu aar mithilak lel kaaj karu..dhanyawaad..

anshu mala said...

bahut neek..ARVIND JHA JE...

Unknown said...

शुक्रिया अंशु माला जी...

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