Monday, February 27, 2012

रहस्यमय हैं सोनिया गांधी...

रहस्यमय हैं सोनिया गांधीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आरोप लगाया है कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस की आपातकालीन मानसिकता, निरकुंश और अलोकतांत्रिक प्रवृत्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं और इसी के तहत उन्होंने अलोकतांत्रिक तरीके से राष्ट्रीय सलाहाकार परिषद नाम से समानांतर सत्ता केंद्र खड़ा कर दिया है। उसने आरोप लगाया कि इसी मानसिकता के चलते वह देश की जनता से अपने धर्म, बीमारी और आयकर संबंधी जानकारी भी छिपाती आ रही हैं।


संघ के हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाले मुखपत्रों ‘पांचजन्य’ तथा ‘ऑर्गेनाइजर’ के ताजा अंकों में सोनिया पर ये आरोप लगाए गए हैं। पांचजन्य के संपद्कीय में कहा गया है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद नामक समानांतर सत्ता केन्द्र के जरिए कि सोनिया साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक जैसे काले कानून का प्रारूप तैयार कराके विधायी प्रक्रिया में असंवैधानिक हस्तक्षेप करने जैसी हिमाकत कर रही हैं। इसमें सवाल किया गया है कि क्या देश कांग्रेस की जागीर है जो उसके राजनीतिक हितों, सत्ता स्वार्थों व मंसूबों के हिसाब से चलाया जाएगा?
उधर ऑर्गेनाइजर के लेख में कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया गया है कि सोनिया अपने सार्वजनिक जीवन को लेकर बहुत अधिक रहस्यात्मक हैं। इसमें कहा गया है कि सोनिया गांधी ने पहले अपने धर्म को छिपाया, फिर संबंधियों को छिपाया और अब अपनी बीमारी को। वह लगातार इन सब जानकारियों को देश की जनता से छिपाती आ रही हैं।
लेख में कहा गया है कि इस छिपाने और गोपनीयता बरतने की कांग्रेस अध्यक्ष की आदत का सबसे ताजा उदाहरण पिछले दस साल की अपनी आय कर की जानकारी देने से इंकार करना है।
आर्गेनाइजर में दावा किया गया है कि सोनिया ने निजिता और सुरक्षा के नाम पर उनके द्वारा पिछले दस सालों में दिए गए आयकर की जानकारी देने से इंकार कर दिया। इसमें कहा गया है कि इससे पहले उन्होंने अपने धर्म की जानकारी देने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि यह उनका निजी मामला है जिसे वह सार्वजनिक नहीं करना चाहेंगी। इसमें कहा गया कि सभी सरकारी कागजातों और फार्मों में यह जानकारी देना अनिवार्य होने के बावजूद सोनिया इससे बचती आई। संघ ने दावा किया है कि कांगे्रेस अध्यक्ष ने अपनी शैक्षणिक योग्यता को भी  कि अति गोपनीय बना कर छिपाया हुआ है। हाल ही में उनकी बीमारी और विदेश में उपचार के संदर्भ में लेख में कहा गया है कि सोनिया जब अस्वस्थ हुई और कथित तौर पर सरकारी खर्चे पर उपचार के लिए विदेश गईं तो भी ‘निजता का सम्मान’ किए जाने के नाम पर उन्होंने बीमारी के बारे में देश को कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
इसमें कहा गया है कि अगर उनके उपचार पर सरकारी धन खर्च हुआ है तो देश की जनता को यह जानने का हक है कि इसमें कितना सार्वजनिक धन लगा और क्यों लगा। जनता को यह जानने का भी अधिकार है कि जिस भी बीमारी का उपचार कराने वह विदेश गई, क्या उसके इलाज की सुविधा देश में नहीं थी?

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