सोनिया गांधी का करोड़ों रुपये का काला धन स्विस बैंक में! रुसी खुफिया एजेंसी ने भी अपने दस्तावेजों में लिखा है कि रुस के साथ हुए सौदा में राजीव गांधी को अच्छी खासी रकम मिली थी, जिसे उन्होंने स्विस बैंके अपने खातों में जमा करा दिया था. पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी भी सोनिया गांधी और उनके परिवार के पास अरबों का काला धन होने का आरोप लगा चुके हैं. तो क्या केंद्र सरकार इसलिए भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे को इसलिए गंभीरता से नहीं ले रही है कि सोनिया गांधी का काला धन स्विस बैंक जमा है? क्या केंद्र सरकार अन्ना हजार और रामदेव के साथ यह रवैया यूपीए अध्यक्ष के इशारे पर अपनाया गया था? क्या केन्द्र सरकार देश को लूटने वालों के नाम इसलिए ही सार्वजनिक नहीं करना चाहती है? क्या इसलिए काले धन को देश की सम्पत्ति घोषित करने की बजाय सरकार इस पर टैक्स वसूलकर इसे जमा करने वालों के पास ही रहने देने की योजना बना रही है? ऐसे कई सवाल हैं जो इन दिनों लोगों के जेहन में उठ रहे हैं. काला धन देश में वापस लाने के मुद्दे पर बाबा रामदेव के आंदोलन से पहले सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र सरकार की खिंचाई कर चुकी है. विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नाम सार्वजनिक किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते 19 जनवरी को सरकार की जमकर खिंचाई की थी. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक पूछ लिया था कि आखिर देश को लूटने वालों का नाम सरकार क्यों नहीं बताना चाहती है? इसके पहले 14 जनवरी को भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा था. पर सरकार कोई तार्किक जवाब देने की बजाय टालमटोल वाला रवैया अपनाकर बच निकली. केंद्र सरकार के इस ठुलमुल रवैये एवं काले धन संचयकों के नाम न बताने की अनिच्छा के पीछे गांधी परिवार का स्विस खाता हैं. इस खाता को राजीव गांधी ने खुलवाया था. इसमें इतनी रकम जमा है कि कई सालों तक मनरेगा का संचालन किया जा सकता है. यह बात कही थी एक स्विस पत्रिका ने. 'Schweizer Illustrierte' ( http://Wednesday, March 28, 2012
सोनिया गांधी का करोड़ों रुपये का काला धन स्विस बैंक में!
सोनिया गांधी का करोड़ों रुपये का काला धन स्विस बैंक में! रुसी खुफिया एजेंसी ने भी अपने दस्तावेजों में लिखा है कि रुस के साथ हुए सौदा में राजीव गांधी को अच्छी खासी रकम मिली थी, जिसे उन्होंने स्विस बैंके अपने खातों में जमा करा दिया था. पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी भी सोनिया गांधी और उनके परिवार के पास अरबों का काला धन होने का आरोप लगा चुके हैं. तो क्या केंद्र सरकार इसलिए भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे को इसलिए गंभीरता से नहीं ले रही है कि सोनिया गांधी का काला धन स्विस बैंक जमा है? क्या केंद्र सरकार अन्ना हजार और रामदेव के साथ यह रवैया यूपीए अध्यक्ष के इशारे पर अपनाया गया था? क्या केन्द्र सरकार देश को लूटने वालों के नाम इसलिए ही सार्वजनिक नहीं करना चाहती है? क्या इसलिए काले धन को देश की सम्पत्ति घोषित करने की बजाय सरकार इस पर टैक्स वसूलकर इसे जमा करने वालों के पास ही रहने देने की योजना बना रही है? ऐसे कई सवाल हैं जो इन दिनों लोगों के जेहन में उठ रहे हैं. काला धन देश में वापस लाने के मुद्दे पर बाबा रामदेव के आंदोलन से पहले सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र सरकार की खिंचाई कर चुकी है. विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के नाम सार्वजनिक किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते 19 जनवरी को सरकार की जमकर खिंचाई की थी. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक पूछ लिया था कि आखिर देश को लूटने वालों का नाम सरकार क्यों नहीं बताना चाहती है? इसके पहले 14 जनवरी को भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा था. पर सरकार कोई तार्किक जवाब देने की बजाय टालमटोल वाला रवैया अपनाकर बच निकली. केंद्र सरकार के इस ठुलमुल रवैये एवं काले धन संचयकों के नाम न बताने की अनिच्छा के पीछे गांधी परिवार का स्विस खाता हैं. इस खाता को राजीव गांधी ने खुलवाया था. इसमें इतनी रकम जमा है कि कई सालों तक मनरेगा का संचालन किया जा सकता है. यह बात कही थी एक स्विस पत्रिका ने. 'Schweizer Illustrierte' ( http://
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