Tuesday, April 17, 2012

आख़िर नरेंद्र मोदी ही क्यो ............ ?

नरेन्द्र मोदी 
देश का प्रधानमंत्री वही हो सकता है - जो देश के सभी मैदानों पर एक-सा प्रभाव छोड़ सकता है 

जो चेन्नई के समुद्र किनारे, कोलकाता के परेड ग्राउंड, गुवाहाटी के जजेज फिल्ड, दिल्ली के रामलीला मैदान और मुम्बई के शिवाजी मैदान में एक साथ भीड़ जुटा सके, वही इस देश का नेतृत्व करेगा और लगता है कि ऎसी क्षमता नरेन्द्र मोदी में ही है। 

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने राजनीतिक जीवन के शिखर पायादान पर हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा 1987 में भाजपा के गुजरात प्रदेश संगठन मंत्री के रूप में शुरू हुई थी। आजकल नरेन्द्र मोदी की कहानी उन सबकी जुबानी बन गई है, जो 2014 के लोकसभा चुनावों पर निगाह बनाए हुए हैं।

यह सही है कि 07 अक्टूबर, 2001 को गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद मोदी को तमाम अवरोधों-बाधाओं के बाजवूद सफलता मिल रही है। निरंतर मिल रही सफलता ने मोदी की ख्याति देश से बाहर भी पहुंचा दी है।

नरेन्द्र मोदी 27 फरवरी, 2002 को हुए गोधरा कांड के कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री बने थे। गोधरा में जो कुछ हुआ और उसके बाद गुजरात में जिस तरह से दंगे हुए, उन सबका दोष मोदी के सिर मंढ़ने की लगातार कोशिश हुई है। कई मामलों में मोदी को अदालतों में घसीटा गया, लेकिन अभी कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की जो रिपोर्ट उजागर हुई है, उसमें मोदी बेदाग बाहर निकले हैं। इस घटना ने जहां मोदी का हौसला बढ़ाया है, वहीं उन लोगों का झूठ भी उजागर हुआ है, जो मोदी को हत्यारा और षडयंत्रकारी करार देने पर तुले हुए थे। एसआईटी की रिपोर्ट में मोदी को मिली क्लीन चीट ने उनके राजनीतिक रास्ते की सबसे बड़ी बाधा को दूर किया है।

मोदी अदालत की लड़ाई जीत गए हैं, इस लड़ाई के जीतने से पहले ही वे जनता की अदालत में सद्भावना मिशन लेकर पहुंच गए थे। इस मिशन को गुजरात में जिस तरह जनसमर्थन मिला है, उससे यह माना जा रहा है कि मोदी नए रिकार्ड के साथ तीसरी बार अपने नेतृत्व में चुनाव जीतने जा रहे हैं। वर्ष 2002, 2007 के बाद यह उनका तीसरा चुनाव है। वर्ष 2002 के चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा को दो तिहाई सीटें मिली थीं।

लेकिन वो लोग उस समय भौचक्के रह गए, जब मोदी को वर्ष 2007 के विधानसभा चुनावों में करीब-करीब वैसी ही सफलता मिली। 2007 के चुनाव में चुनावी पंडितों की त्रिशंकू विधानसभा वाली भविष्यवाणियां गलत निकलीं।

मोदी कई मायनों में अलग हैं। वे हिंदुस्तान के पहले मुख्यमंत्री या प्रदेश स्तर के नेता हैं, जिन्हें टाइम मैग्जीन ने कवर पेज पर जगह दी है। यानी उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनी है।

मोदी ने उद्यमियों को आकर्षित करने के लिए वाईब्रेंट गुजरात का आयोजन किया, जिसमें 100 से ज्यादा देशों के उच्चाधिकारी मोदी के बुलावे पर आए। रोचक बात यह है कि अब वे सभी देश यह चाहते हैं कि उन्हें गुजरात में उद्योग लगाने का मौका मिले।

आज देश का हर व्यक्ति देश का प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को ही देखना चाहता है......
जय हिंद...

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