Friday, February 4, 2011

मिस्र में क्रांति: अब सेना के बागी होने का डर, उपराष्‍ट्रपति पर जानलेवा हमला


काहिरा. मिस्र में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान पर जानलेवा हमले की खबर से स्थिति और गंभीर हो गई है। सुलेमान के काफिले पर हुए इस हमले में उनके दो बॉडीगार्ड मारे जाने की भी खबर है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक यह हमला गत 29 जनवरी को उस वक्‍त हुआ जब उन्‍हें उपराष्‍ट्रपति नियुक्‍त किया गया। हालांकि सरकार ने इस हमले की पुष्टि करने से इनकार किया है।

जनता का प्रदर्शन शनिवार को 12वें भी जारी है। सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मुबारक के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसक झड़प में एक पत्रकार की मौत हो गई है, जबकि हजारों प्रदर्शनकारी कर्फ्यू के बावजूद राजधानी काहिरा में तहरीर चौक पर जमा हैं।

मुबारक ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति ओबामा की सलाह भी ठुकरा दी है और पद छोड़ने से इनकार कर दिया है, लेकिन ओबामा ने दोहराया है कि मुबारक को सत्‍ता परिवर्तन के लिए राजी हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा 'एक विधिसम्मत परिवर्तन होना चाहिए और इसकी शुरुआत अभी होनी चाहिए।' अमेरिका ने पत्रकार की मौत पर भी विरोध जताया है।

इस बीच, सेना की निष्‍ठा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। शुक्रवार को तहरीर चौक पर  रक्षा मंत्री फील्‍ड मार्शल मुहम्‍मद हुसैन तंतावी के पदर्शनकारियों के बीच पहुंचने के बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सेना की मुबारक के प्रति निष्‍ठा अंत तक बनी रहेगी या नहीं। तंतावी प्रदर्शनकारियों के बीच जैसे ही पहुंचे भीड़ ने नारा लगाना शुरू किया- सेना और जनता एक है। तंतावी ने कई प्रदर्शनकारियों से बातचीत भी की। 

प्रदर्शनकारियों ने मुबारक को पद और देश छोड़ने के लिए शुक्रवार तक का अल्टीमेटम दिया था। राष्‍ट्रपति की ओर से इसे ठुकराने के बाद शुक्रवार को हजारों प्रदर्शनकारी मुबारक के खिलाफ बड़ी रैली के लिए तहरीर चौक पर जुट गए थे। इसके बाद वे राष्ट्रपति आवास की तरफ बढ़े। इस बीच सेना की एक गाड़ी भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भीड़ को चीरते हुए आगे निकल गई। इसमें कई लोग जख्‍मी हो गए।

जनता ने मुबारक को देश छोड़ने के लिए शुक्रवार तक का अल्‍टीमेटम दिया था, लेकिन मुबारक ने फिर पद छोड़ने से मना कर दिया। हालांकि खबर यह भी आ रही है कि अमेरिका मुबारक को हटाने के लिए कोई रास्‍ता निकाल रहा है।

मुबारक के इस्तीफे की मांग कर रहे एक लाख से अधिक प्रदर्शनकारियों में महिलाएं और बच्चे सभी शामिल हैं। ये 'पद छोड़ो-पद छोड़ो' के नारे लगा रहे हैं, राष्ट्रभक्ति के गीत गा रहे हैं और झंडे लहरा रहे हैं।

इस बीच शुक्रवार को विशाल प्रदर्शन के साथ ही मुबारक को विपक्ष की तरफ से पद छोड़ने के लिए दी गई समय सीमा भी खत्म हो गई। हालांकि मुबारक ने कहा है कि वह अपने पद से आजिज आ चुके हैं लेकिन उन्होंने इस समय इस्तीफा दिया तो पूरे देश में अफरा-तफरी मच जाएगी।। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है।

मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक काहिरा के तहरीर चौक पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले कुछ दिनों में आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 800 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि 25 जनवरी से जारी प्रदर्शन में कम से कम 300 लोगों की मौत हो चुकी है और 4000 हजार से ज्यादा घायल हो चुके हैं।

पूरे अरब जगत में फैली आगसरकार विरोधी प्रदर्शन अरब जगत के उन तमाम मुल्‍कों में होने जा रहे हैं, जहां की सरकार को अमेरिका समर्थन दे रहा है। मुबारक को पिछले तीन दशकों से अमेरिका समर्थन देता रहा है। मिस्र के राष्ट्रपति पर कैदियों के खिलाफ अत्याचार, तानाशाही और मानवाधिकारों के हनन के आरोप लगते रहे हैं। वहीं, ट्यूनिशिया में सत्ता परिवर्तन और मिस्र में जारी प्रदर्शन ने अरब जगत के दूसरे देशों में खलबली पैदा कर दी है। सूडान, जॉर्डन और सीरिया में भी लोग सरकार के विरोध में खड़े हो गए हैं।

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